पहले मेरी जिन शायरियो को शब्दों की नक्काशी कहकर और सुनाने को कहते थे दिल टूट गया जब उन्होंने कहा "उसकी शायरियां तो flirt से भरे शब्दों का जाल थी, जिन्हें हम मुस्कराकर सकते थे ghar se nikalte hi