तोड़ दो बेड़ियाँ सभी परम्परा की समाज की मान की अौर अपमान की तोड़ दो सलाखें सभी धर्म की अौर सम्प्रदाय की मुक्त करो विचारों से कुन्द हो चुका दिमाग है दूर धकेलो विद्वेष को निकट आओ प्रेम से मिटा दो पुरातनता को जो रोक रही पैरों को अपना लो नवीनता जो गति दे चरणों को दे समानता सभी को तोड़ दो बेड़ियाँ सभी जो बढ़ने ना दें आगे तुम्हें..! Munesh sharma✍️ सुप्रभात। पूर्वाग्रहों की बेड़ियाँ तोड़ दो। भविष्य दृष्टा बनो। वर्तमान में जियो। #बेड़ियाँ #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi