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जिंदगी के इस मुकाम पर हम चल रहे हैं हमारे मन में ल

जिंदगी के इस मुकाम पर हम चल रहे हैं हमारे मन में लालच ,द्वेष विकार आदि पल रहे हैं भाई भाई का ना रहा बेटा मां बाप का ना रहा  मतलब  की चाल जो चल रहे हैं! वक्त से पहले यह बाल पक जाते हैं चंद टुकड़ों की खातिर जमीर तक बिक जाते हैं एक दूजे को नीचे दिखाकर पतन की राह पर हम चल रहे हैं जिंदगी के इस मुकाम पर हम चल रहे हैं!

©Dinesh Kashyap
  #Haseel

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