इस घर में दो जिन्दगियां रहती है, इक तुम जीती हो इक में जीता हूँ। तुम अपने मोबाइल में मस्त रहती हो, में अपनी तन्हाईयों में जीता हूँ। तुम उदास होती हो तो अश्क बहाती हो, में तुम्हारे सारे अश्कों को पानी समझ पीता हूँ। तुम गुस्सा होती हो तो मुझ पर चिल्लाती हो, में गुस्सा होता हूँ तो खामोशी की चादर ओढ़ लेता हूँ जब दुनिया वाले देते है जख्म तुमको, इक में ही हूँ जो उन जख्मों को सिता हूँ। इस घर में दो जिन्दगियां रहती है, इक तुम जीती हो इक में जीता हूँ। ©Ankur Sachar #SAD #Love #Nojoto #nojohindi #AnkurNaama #nojotoenglish #Quotes #HeartBreak