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वो इतरा के बलखा के चलती थी वो मुस्कुरा के बगल से ग

वो इतरा के बलखा के चलती थी
वो मुस्कुरा के बगल से गुजरती थी
शायद पसंद करती थी मुझे
पर लोगों से डरती थी।
वो सामने आकर चुपके चुपके देखा करती थी
शायद कुछ कहना था उसे
पता नही क्यों डरती थी।
हम भी ठहरे नादान समझ न सके
इशारे वो जो हमे किया करती थी
एक दिन सोचा रोक के पूछूं उसे
पर क्या कहूँ बड़ी तेजी से निकलती थी।
फिर वो दिन आया जिसका मुझे इंतज़ार था
उसने कहा दिया कि मुझसे प्यार था
बस बात ऐसी थी कि यूँ ही मजे लिया करती थी। #इतराना #प्यार #nojoto#nojotohindi#quotes#poems
वो इतरा के बलखा के चलती थी
वो मुस्कुरा के बगल से गुजरती थी
शायद पसंद करती थी मुझे
पर लोगों से डरती थी।
वो सामने आकर चुपके चुपके देखा करती थी
शायद कुछ कहना था उसे
पता नही क्यों डरती थी।
हम भी ठहरे नादान समझ न सके
इशारे वो जो हमे किया करती थी
एक दिन सोचा रोक के पूछूं उसे
पर क्या कहूँ बड़ी तेजी से निकलती थी।
फिर वो दिन आया जिसका मुझे इंतज़ार था
उसने कहा दिया कि मुझसे प्यार था
बस बात ऐसी थी कि यूँ ही मजे लिया करती थी। #इतराना #प्यार #nojoto#nojotohindi#quotes#poems
ramjipathak0389

Ramji Pathak

Bronze Star
New Creator