व्जह -ए-इताब क्या थी तेरे ख़फा होने की कज़ा तक इंतजार रहेगा तेरे लौट आने की इख्तियार दिल पे नहीं है मेरा क़ब्र पर फूल चढ़ा देना दिल-ए -पामाल पर ।। वज्ह-ए-इताब- reason for anger दिल-ए-पमाल -पैरों से कुचला हुआ दिल #इताबा #कोराकाग़ज़ #इ'ताबा