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निगाहों में मंजिल थी , गिरे और गिर कर संभलते रहे ,

निगाहों में मंजिल थी , गिरे और गिर कर संभलते रहे ,हवाओं ने बहुत कोशिश चिराग अंधिओं में भी जलते रहे।

©Baljeet Singh
  चिराग अंधिओं में भी जलते रहे।

चिराग अंधिओं में भी जलते रहे। #Motivational

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