Nojoto: Largest Storytelling Platform

धीरे-धीरे बन जाता हैं मिलने जुलने का बहाना अब

धीरे-धीरे  बन  जाता  हैं
मिलने जुलने का बहाना

अब नहीं मुस्कुराया जाता हैं
उसे पा कर फिर से खोना

ऐसा दर्द-ए-दिल होता हैं
जैसे हो कोई प्रित पुराना

आख़िर सिखा कहा से हैं
सामने आने पर मुस्कुराना

©Eram Siddiqui धीरे-धीरे  बन  जाता  हैं
मिलने जुलने का बहाना

अब नहीं मुस्कुराया जाता हैं
उसे पा कर फिर से खोना

ऐसा दर्द-ए-दिल होता हैं
जैसे हो कोई प्रित पुराना
धीरे-धीरे  बन  जाता  हैं
मिलने जुलने का बहाना

अब नहीं मुस्कुराया जाता हैं
उसे पा कर फिर से खोना

ऐसा दर्द-ए-दिल होता हैं
जैसे हो कोई प्रित पुराना

आख़िर सिखा कहा से हैं
सामने आने पर मुस्कुराना

©Eram Siddiqui धीरे-धीरे  बन  जाता  हैं
मिलने जुलने का बहाना

अब नहीं मुस्कुराया जाता हैं
उसे पा कर फिर से खोना

ऐसा दर्द-ए-दिल होता हैं
जैसे हो कोई प्रित पुराना