नीले नीले अंबर के नीचे एक मुसाफ़िर सा है जीवन... न जाने कितने पडाव को पार करते हुये दिल ढूंढे है सुकुन हर सफर मे , मै ही स्वंय की हमफर ... चलते चलते बीतने को है उम्र का हर पहर ©Yogita Harne हर पहर