Nojoto: Largest Storytelling Platform

पुण्य तिथि विशेष (काका) राजेश खन्ना शीर्षक में प


पुण्य तिथि विशेष
(काका)
राजेश खन्ना

शीर्षक में पढ़ें....! बाबु मोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए…लंबी नहीं…

हांँ......ये डायलॉग है फिल्म ‘आनंद’ का और मेरे प्रिय अभिनेता (काका) राजेश खन्ना सर का!

आनंद फ़िल्म देखने के बाद फ़िल्म एक एक शब्द महीनों मेरे मन, मस्तिष्क में गूंजता रहा!
इसी फिल्म को देखने के बाद मेरा जीवन जीने का नज़रिया बदल गया।
आज भी जब कभी कठिनाईयाँ,कष्ट, उलझनें सताती हैं,फिल्म के गाने डायलॉग सुन लेता हूं।
ऐसी जीवंत फ़िल्म मैने आज तक नहीं देखी।

पुण्य तिथि विशेष
(काका)
राजेश खन्ना

शीर्षक में पढ़ें....! बाबु मोशाय, ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए…लंबी नहीं…

हांँ......ये डायलॉग है फिल्म ‘आनंद’ का और मेरे प्रिय अभिनेता (काका) राजेश खन्ना सर का!

आनंद फ़िल्म देखने के बाद फ़िल्म एक एक शब्द महीनों मेरे मन, मस्तिष्क में गूंजता रहा!
इसी फिल्म को देखने के बाद मेरा जीवन जीने का नज़रिया बदल गया।
आज भी जब कभी कठिनाईयाँ,कष्ट, उलझनें सताती हैं,फिल्म के गाने डायलॉग सुन लेता हूं।
ऐसी जीवंत फ़िल्म मैने आज तक नहीं देखी।