वेदना जितनी सह ली मैने अब और न सह पाऊंगा राख में खाक होना होगा झौंका पवन का आना होगा आग लगाकर पन्नों को मैं कलम को सिवाने आया था शब्दों की चिंगारी सुलगी थी मैं बादलों को उकसाने आया था शीशी में कैदकर भावों को सूरज को झुठलाने आया था मुश्किल में मुस्कराते किरणों को आंसू मैं रूलाने आया था #hindi_poetry #love #goldengirl #lifephilosophy #inspiration