अगर हम बच्चे होते तो जीवन मुस्कुरा रहा होता फिर रोम रोम परम आनन्द के गीत गा रहा होता ना जवानी की भूख होती ना बुढ़ापे की फ़िक्र होती दुनियादारी तो तुम छोड़ो ना अपनों की फ़िक्र होती अगर हम बच्चे होते तो बस बच्चे होते बुद्धि से नादान पर दिल के सच्चे होते अगर हम बच्चे होते तो