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उसने कहा, हो सकता है ऐसा, फिर कुछ अखबार छपे, कुछ ख

उसने कहा, हो सकता है ऐसा,
फिर कुछ अखबार छपे,
कुछ खबरें बनीं,
कुछ सवाल हुए,
कुछ डींगे चलीं।
मैं खड़ा सोच रहा हूँ,
ये कौन सा रंग है
जो मैं देख रहा हूँ उन आंखों में
जो आँसू से अभी तक गीली हैं।
मुझे पता है कई चुनौतियां 
उन लोगों ने पी ली हैं,जब
उनका विश्वास कहता है,
वो भारुंड एक मुख से गाता है,
दूसरा मुख शोर मचाता है,
एक का विश्वास दूसरे का भरम है
असल में दो मुख के लिहाज से
मीठा फल कम है।
जब मैं सोचने पर आता हूँ,
मैं समाज के दो फाड़ पाता हूँ,
एक का हित दूसरे को नहीं भाता,
एक बढ़ता तो दूसरा उसे दबाता।
ये वही देश है जिसने विविधता 
की एकता पर तब तक गुमान किया
जब तक भारुंड के दूसरे मुख ने
स्वेच्छा से न विषपान किया।



 5 ट्रिलियन इकोनॉमी
amazon.com/author/harshranjan
#yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqquotes #yqchallenge #collab
उसने कहा, हो सकता है ऐसा,
फिर कुछ अखबार छपे,
कुछ खबरें बनीं,
कुछ सवाल हुए,
कुछ डींगे चलीं।
मैं खड़ा सोच रहा हूँ,
ये कौन सा रंग है
जो मैं देख रहा हूँ उन आंखों में
जो आँसू से अभी तक गीली हैं।
मुझे पता है कई चुनौतियां 
उन लोगों ने पी ली हैं,जब
उनका विश्वास कहता है,
वो भारुंड एक मुख से गाता है,
दूसरा मुख शोर मचाता है,
एक का विश्वास दूसरे का भरम है
असल में दो मुख के लिहाज से
मीठा फल कम है।
जब मैं सोचने पर आता हूँ,
मैं समाज के दो फाड़ पाता हूँ,
एक का हित दूसरे को नहीं भाता,
एक बढ़ता तो दूसरा उसे दबाता।
ये वही देश है जिसने विविधता 
की एकता पर तब तक गुमान किया
जब तक भारुंड के दूसरे मुख ने
स्वेच्छा से न विषपान किया।



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