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हांथो में फकत जिनकी लकीरें नहीं आरज़ू मन में उन्ही

हांथो में फकत जिनकी लकीरें नहीं
आरज़ू मन में उन्हीं की महकती है।
जो होते है नजरो से दूर ,दिल में रहकर,
मुक्कमल इश्क़ की बगिया उन्हीं से सजती है।

©Ritu shrivastava #dil_ka_dard
हांथो में फकत जिनकी लकीरें नहीं
आरज़ू मन में उन्हीं की महकती है।
जो होते है नजरो से दूर ,दिल में रहकर,
मुक्कमल इश्क़ की बगिया उन्हीं से सजती है।

©Ritu shrivastava #dil_ka_dard