खुश तो हूं मगर मुझे कोई अफसोस भी नहीं, ऊंचाइयों पर खड़ा हूं जहां से दिखता मुझको मेरा कोई दोस्त क्यूं नहीं, हवा से बातें करता हूं जाने मैं कल्पनाओं में अब अपनी बहता क्यूं नहीं, सीखता हूं हर दिन कुछ नया कुछ भूल जाता हूं अक्सर आधी रात बेवक्त जाग जाता हूं, ये शहर वो शहर तो नहीं देखता हूं जिसको तो अपने ख्वाबों में पहुंच जाता हूं.... ये शहर, वो शहर तो नहीं... #येशहर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi