चलते रहें जजबए इश्क के बेफिक्र ये सिलसिले। क्या पता वक्त की ठोकर लगे फिर न मिलें। होती रहें आँखें नम जुदाई का सितम न सह पाएंगे। स्याह शब की कुर्बत में ये दिलो जां तन मन जले। शायर :- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी इश्क़ के बेफिक्र ये सिलसिले।