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बैठीं थी दिल के कोने में अँधेरे में तुम आये रौशनी

बैठीं थी दिल के कोने में अँधेरे में 
तुम आये रौशनी हुई तो बेनकाब हुईं ये हसरतें 
फ़ैली एक खुशबू ज़र्रे ज़र्रे में 
सच में बेहिसाब हुईं ये हसरतें आखिर कब तक बस यूँ ही
बैठीं थी दिल के कोने में अँधेरे में 
तुम आये रौशनी हुई तो बेनकाब हुईं ये हसरतें 
फ़ैली एक खुशबू ज़र्रे ज़र्रे में 
सच में बेहिसाब हुईं ये हसरतें आखिर कब तक बस यूँ ही
amitsharma6214

Amit Sharma

New Creator