Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी कभी लगता है मैं यूँ ही बे वज़ह तेरे दरवाजे पर

कभी कभी लगता है 
मैं यूँ ही बे वज़ह
तेरे दरवाजे पर दस्तक दे कर लहर उठाता हूँ 

अक़्सर, ये भी सोचता हूँकि मैं खुद को रोक लूँ
जिरह भी करता हूँ, ज़िद भी करता हूँ
मगर, धूप बन कर तेरी आँखों का नूर मुझे बंध लेता है
तू मरहम बन कर मेरी रूह में उतर आती है
और, मैं, ख़ुद को तुझ में भूला कर इफ़रात हो जाता हूँ

मैं जानता हूँ कि तू मुझ से वाबस्ता तो नहीं, लेकिन, 
मैं ख़ुद को तुझ में पिरो कर 
तस्बीह बन गया हूँ

 #ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर
#तस्बीह
#kavishala #hindinama #tassavuf #mikyupikyu #meethashona
कभी कभी लगता है 
मैं यूँ ही बे वज़ह
तेरे दरवाजे पर दस्तक दे कर लहर उठाता हूँ 

अक़्सर, ये भी सोचता हूँकि मैं खुद को रोक लूँ
जिरह भी करता हूँ, ज़िद भी करता हूँ
मगर, धूप बन कर तेरी आँखों का नूर मुझे बंध लेता है
तू मरहम बन कर मेरी रूह में उतर आती है
और, मैं, ख़ुद को तुझ में भूला कर इफ़रात हो जाता हूँ

मैं जानता हूँ कि तू मुझ से वाबस्ता तो नहीं, लेकिन, 
मैं ख़ुद को तुझ में पिरो कर 
तस्बीह बन गया हूँ

 #ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर
#तस्बीह
#kavishala #hindinama #tassavuf #mikyupikyu #meethashona
shonaspeaks4607

Mo k sh K an

New Creator