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अफसाना लिख रहा हूं दिल ए बेकरार का आंखों में रंग भ

अफसाना लिख रहा हूं दिल ए बेकरार का
आंखों में रंग भर के तेरे इंतजार का
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बाहर में
जी चाहता है मुँह भी ना देखूं बहार का
हासिल है यूं तो मुझको जमाने की दौलते 
लेकिन नसीब लाया हूं एक सौ गवार का
आ जाते अब तो आंखों में आंसू भी आ गए
सागर छलक उठा मेरे सब रो करार का
अफसाना लिख रहा हूं दिले बेकरार का
 आंखों में रंग भर के तेरे इंतजार का
अफसाना लिख रहा हूं दिल ए बेकरार का
आंखों में रंग भर के तेरे इंतजार का
जब तू नहीं तो कुछ भी नहीं है बाहर में
जी चाहता है मुँह भी ना देखूं बहार का
हासिल है यूं तो मुझको जमाने की दौलते 
लेकिन नसीब लाया हूं एक सौ गवार का
आ जाते अब तो आंखों में आंसू भी आ गए
सागर छलक उठा मेरे सब रो करार का
अफसाना लिख रहा हूं दिले बेकरार का
 आंखों में रंग भर के तेरे इंतजार का