उड़ती रहूं बेफिक्र गगन में ऐसे मेरे हालात नहीं छू लूं उन चांद तारो को इतने लंबे मेरे हाथ नहीं कैद कर सकू इन हवाओं को अपनी मुठ्ठी में मेरे बाजुओं में वो बात नहीं समुंदर की लेहरो में पांव रख सकू इतनी अभी मेरी औकात नहीं। sm,❤️✍️ #nojoto hindi# four liner's#thought