हशरत नहीं मुझे पूरी क़ायनात पढ़े, तुम पढ़लो गज़ल मुक्कमल है मेरी, अब मेरी ज़िंदगी में तुम नहीं तो क्या, कलम संग सांसे मुक्कमल हैं मेरी, फ़र्क बस एक अक्षर के हेर फेर का ही तो है..!! ©Neela Sharma #JAD कलम #ColdMoon