White इन्द्र धनुष बन कर दूर गगन मे मत जाना मै साँझ ढले राह देखुंगा तुम दीप शिखा सी लहराना लो बंद किया पलको बस एक बार आ जाओ मेरे नयनो के जंगल में नील गगन सी छा जाओ ।। ©Sanjay Jain कविता