डाल से टूटे गुलाब सी हो चली है ज़िन्दगी, पंखुड़ियों सी टूट कर बिखर रही है। सोचा था खिल कर सजेगी ज़िन्दगी, सूखे हुए गुलाब सी सिकुड़ रही है ।। ©Naveen Sood टूटे गुलाब सी जिंदगी #OneSeason