याद है आज भी मुझे, वो हसीन लम्हा उसके इज़हार का, वो, दिल से दिल मिलाने का बेहद प्यारा त्यौहार था। यूँ तो सब पर चढ़ा था रंग-ए-गुलाल का मस्त ख़ुमार था, कैसे कहूँ क्या जमाल था, ख़्वाब से हसीं मेरा विसाले यार था। _Word_Collab_Challenge_ आइए इस होली महोत्सव में शामिल होइए,, हमारे साथ Collab करें 👉 Urdu_Hindi Poetry इस होली के लिए लफ़्ज़ है "रंग-ए-गुलाल" जिसका अर्थ होता है "होली का गुलाल" colour of powder sprinkled on Holi festival, । इस होली महोत्सव के लिए 3 विजेता नहीं, बल्कि 5 विजेता चुना जाएगा,,