अब काश मेरे दर्द की कोई दवा न हो बढ़ता ही जाए ये तो मुसल्सल शिफा न हो बागों में देखूं टूटे हुए बर्ग ओ बार ही मेरी नजर बहार की फिर आशना न हो ©FOREVER_US #Shajar