ये सब बर्बादियो के मंजर ये कितने उजड़े हुये घर, कितनी माॅओ कि गोद हुई सुनी कितनी सुहागनो के सुहाग है उजड़े हर तरफ रूदन करती सदाऐ हर ओर धू-धू कर जलती चिताऐ कितने अपनो को खोने के बाद उनको खोजती हुई सुनी निगाहे बस जीवन भर का दर्द बचा है इस कोरोना नाम की महामरी ने किसीको नही बक्सा है ©Neetu Vishwakrma #jojoto #chopal