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रात ढल रही है दिन निकल रहा है गए जब से तुम परदेश

रात ढल रही है दिन निकल रहा है
गए जब से तुम परदेश 
बस ऐसे ही चल रहा है
और कितना समझाऊं मैं 
अपने इस *पागल दिल* को
जो *आपकी प्यारी सूरत* को देखने को मचल रहा है...
कब तलक मुझे तुम यूं ही तड़पाओगे..?
कब वो प्यारी सी सूरत दिखलाओगे..?
 *मेरी खुशियां* कब वापस लाओगे..?
तुमने तो कहा था कि जल्दी आओगे..
   ज़रा बताना तो *तुम कब आओगे..?* 🖋️

©Suraj Pratap Singh "सूरी" #कब_आओगे...?
#nojoto
#SunSet
#सूरी
रात ढल रही है दिन निकल रहा है
गए जब से तुम परदेश 
बस ऐसे ही चल रहा है
और कितना समझाऊं मैं 
अपने इस *पागल दिल* को
जो *आपकी प्यारी सूरत* को देखने को मचल रहा है...
कब तलक मुझे तुम यूं ही तड़पाओगे..?
कब वो प्यारी सी सूरत दिखलाओगे..?
 *मेरी खुशियां* कब वापस लाओगे..?
तुमने तो कहा था कि जल्दी आओगे..
   ज़रा बताना तो *तुम कब आओगे..?* 🖋️

©Suraj Pratap Singh "सूरी" #कब_आओगे...?
#nojoto
#SunSet
#सूरी