शाम होने वाली थी , रोज की तरह उसका इंतजार था | आंखें देख रही थी राह उसकी , और यह दिल बड़ा बेकरार था | रोज की तरह , वो हंस के पास से गुजरी , ना जाने यह कैसा इकरार था | दिल कभी कह तो नहीं पाया उससे , पर वो एक तरफा मोहब्बत का , अंदाज बड़ा असरदार था | #yostowrimo में आज कहानी एक शाम की। शाम के साथ अनगिनत क़िस्से जुड़े होते हैं एक व्यक्ति के। उनमें से ही कोई एक क़िस्सा लिखें। #शामहोनेवालीथी #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi