ये जो तेरी बेख्याली है हम तेरे ही सवाली है, तुझे पाने की हसरत में हमने गुजिश्ता उम्र जरा बिताली है.//१ ये सूरते रौनक,इक उम्र के बाद ढलने वाली है,चाहेंगे तुझे शिद्दत से ताउम्र,मेरी अदाएं चाहत जरा निराली है//२ सनम तुझसे वस्ल की मुंतजिर मेरी सांसो ने तेरे वास्ते तमाम उम्र हिज्र में जरा गवाली है//३ बहुत देर से दर पे आंखे लगी थी हद कर दी हुजूर ने आते_आते तेरी दीवानी ने सदा जरा लगाली है//५ ऐ मेरी कजा अब आ भी जा,रजाए इलाही से,अब देर ना कर हो जा राजी "शमा" बेख्याली से तो कज़ा जरा हलाली है//५ शमीम अख्तर/shamawrites ✍️t ©IM binte hawwa shama write #AkelaMann#Nojoto#shamawrites#मेरी_कलम_से#poetry#shayri#gazal# Arbaz Khan ALONE sakshi CHAUHAN Anshu writer Ruman Bedil رومان بیدل ☑ sahib khan صاحب خان MERAJUL ISLAM MD Adam Abdul Khan Ali Khenyan ARBAAZ WRITE'S.