जिंदगी की हर सांस जीने वाली, कब जिंदगी जीना भूल गयी,पता ही नहीं चला। सो रही थी मां की गोद में चैन की नींद, कब नींद उड़ गई पता ही नहीं चला। एक जमाना जब दोस्तों के साथ, खूब हंसी ठिठोली किया करते थे, अब कहां खो गए पता नहीं। जिम्मेदारी के बोझ ने कब जिम्मेदार, बना दिया , पता ही नहीं चला। पूरे परिवार के साथ रहने वाले, कब अकेले हो गए, पता ही नहीं चला। मीलों का सफर कब तय कर लिया, जिंदगी का सफर कब रुक गया, पता ही नहीं चला........ - स्वाती के अल्फाज ©Swati Bhargava स्वाती के अल्फाज #Sbhargava #Love #Life #Shayari #Quote #poem #SwatiBhargava #Nojoto #NojotoHondi #findsomeone