मे नही कहता कि तू दूनियाँ से वास्ता ही छोड़ दे । जो रिश्तो कि दुहाई दे वो धागा ही तोड दे।। आरजू बस इतनी है कि तू खुद के लिए जीना सीख ले । आसमान तो तुजे मिल चुका है तू पर फेलाना सीख ले ।। बहुत ज्यादा बोलू मे इतनी मेरी ओकात नही । मेरी बातों में जूठए जज्बात नही ।। jyoti Khandelwal