जो चलेगा मिलती नहीं मन्ज़िल जब तक। आसमाँ हो या ज़मीं चलते ही जाना है हमें तब तक। "ये सफ़र है मंजिल तक जाने का फ़लक तक जाकर लौट आने का" "आईए जुगलबंदी करें इस उत्साहवर्धक छवि के साथ और बताएँ आपके जोशीले इरादों और ख़ुद से किए वादों के बारे में" "कॉलेब करने के बाद कमेंट बॉक्स में 'संपन्न'/'Done' लिखना न भूलें"