गुनगुनी सी धूप में संग बैठकर बातोँ की लें चाय के संग चुस्कियां कुछ कहें अपनी औ' कुछ उसकी सुनें उनींदी सी गरमाहटें हों दरमियाँ यूँ ही लिपटे धूप के पश्मीने में बीत जाएं ये ठिठुरती सर्दियाँ अंजलि राज गुनगुनी धूप में ज़िंदगी के रंगों को अपने शब्दों में क़ैद करें लोगों के क्रिया कलाप फूल-पौधों, तितलियों, पंछियों के रंग-ढंग कामगारों के जोश और उमंग #गुनगुनीधूप