ठण्ड से काँपते हैं हाथ,तो आग सेंक भी लो। शान्त जल में कंकण फेंकनें की चाहत है तो फेंक भी लो।। हमनें कब रोका है तुम्हें मेरे हमदम। मेरा चेहरा तुम्हें इतना पसन्द है तो जीभर के देख भी लो।। ©Viswa Sachan #देख_भी_लो___😘💝😘💝😘