यादों की सीढ़ियाँ लेकर ख्वाबों के छत पर चढ़कर बार बार तुम्हें निहारना कितना प्यारा लगता है दिल को भी तसल्ली है कि यहाँ तुम पर सिर्फ़ मेरा अधिकार है वैसे ही जैसे; खुशबू का फूल पर, पंछियों का पेड़ों पर यहाँ कोई सलाखें ना कोई खिड़की है बस तुम मैं आसमाँ और मेरे बचकाने ख़याल। PC - my sis ❣️ #latenightthoughts #अनाम_ख़्याल #रात्रिख़्याल