Kashmir आब तु चुप रह बहुत भुकेलैं सुन लेलीयौ सबटा ध्यान सं अखनो सम्हरि जो रे वौआ उखाड़ि फेकवौ पाकिस्तान सं।। तु की बुझले सब मोहन अछि जें बसी बजा सुनेतौं रे आब देखहीं शंखनाद पर कोना कोना नचेतौ रे।। अपन घर मे बिल्ला पोसलैं बिसरी गेलैं हम छी शेर कटबौं त ल लेबौ जिनगी मुदा गर्जने सं तु भेलैं ढ़ेर।। ई नहि बुझिहैं जे आब भ गेलौं अखन त बस शुरुआते छौ जल्दीये पोक सेहो ल लेबौ बलुचिस्तान त खासे छौ।। सोच सोच आब की हेतौ बाप सं गद्दारी केर बाद छलैं इतिहास मे तु पहिले फेर हेबै इतिहासे पास।।