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कितना हसीं था वो लम्हा, जब हमें इतना करीब देखकर एक

कितना हसीं था वो लम्हा,
जब हमें इतना करीब देखकर एक पल को ये चांद भी बादलों की आगोश में था

अपने होंठो से तेरे ज़िस्म पे अपना नाम लिखा था ,
शराब बेशक पी थी पर सच बताऊं ,
तो उस दिन में होश में था। Each time you happen to me all over again.
कितना हसीं था वो लम्हा,
जब हमें इतना करीब देखकर एक पल को ये चांद भी बादलों की आगोश में था

अपने होंठो से तेरे ज़िस्म पे अपना नाम लिखा था ,
शराब बेशक पी थी पर सच बताऊं ,
तो उस दिन में होश में था। Each time you happen to me all over again.
abhishek9068

Abhishek

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