रात के लिए सूरज का डूब जाना चाँद का सुबह के लिए छुप जाना जरूरी था. फिज़ाओ में सुगन्द गुलाबों की बिखेरने के लिए मिट्टी में एक कली का महकना ज़रूरी था. अपनी ओर उठी बुरी नज़रो को झुकाने के लिए डरपोक नही मैं,,मेरा पलके उठाकर बताना जरूरी था. गरमाहट कामयाबी की लेने के लिए, सफेद अंधेरो की धुंध से गुजरना जरूरी था. चेहरे पे चमक रखने के लिए कितनी सिद्दत है लेकिन रूह की जड़ो को भी सींचना जरूरी था, बलात्कारियो के विरोध में आप मोमबत्तिया जलाते हो हर सुनसान सड़क पर,एक दीपक विरोध का दिल मे भी जगाना जरूरी था, उस गरीब की भूख का मज़ाक उड़ा रहे हो रोटी दान करते वक़्त, सेल्फियां नही उनकी दुआओं की तस्वीर भी दिल में लेना जरूरी था, मन मे पाप लेकर पोछा लगाते हो जिस गुरु की चौखट पे सुमन,, उसकी सेवा के लिए नीयत साफ रखना भी जरूरी था, Pratibha Tiwari(smile)🙂 (Meer) Musher Ali JYOTI AWASTHI (Jiya) 🌸 Neetu_SharmA_POET✒