मुझे शोर-शराबे में क्या ढूंढते हो, मैं तो खामोशियों में खो गया। जहां जिंदगी है मेरी उस जिंदगी को, सिरहाने लगा मैं तो सो गया।। पुकारना मत मुझे, मैं कोई अनजान दुनिया में पहुंच गया। लौट कर ना आऊंगा दोबारा, अब मेरा कोई नया ठिकाना बन गया।। बहुत थक चुका हूं गम ए महफिल से, थोड़ा सुकून ढूंढने आ गया। किनारे लगा दी गमों की टूटी फूटी कश्ती, अब मरम्मत का इरादा रह गया।। कुछ ना बचा अब वहां समां मेरा, सब छोड़कर आ गया। दिल तोड़ने वालों की दुनिया है वो, उन्हें तोहफे में दे गया।। कुछ पल जरूर लाजवाब गुजरे, जिन्हें यादों में संजोकर आ गया। याद तो करूंगा उन बीते पलों को, जिन्हें कभी बार-बार गुनगुनाता गया।। ©Yogendra Nath Yogi #darkness#खो गया