अंतहीन आकाश (read in caption) मुझ अंतहीन आकाश को भला! क्या चंद मुठ्ठी भर दुनिया बांध पाएगी? मैं हूं विस्तृत और रहस्यमयी शक्ति, जैसे शब्दों ने रची हो भावों की अभिव्यक्ति। क्या इस सच को दुनिया जान पाएगी? मुझ अंतहीन आकाश को भला! क्या चंद मुट्ठी भर दुनिया बांध पाएगी?