इतना जुल्म पे जुल्म करना अब अच्छा नहीं लगता इंसान को इंसान से लड़ाना अब अच्छा नहीं लगता उसकी फितरत है लोगों को आपस में लड़ा रहा है हर बार हिन्दु मुस्लिम करना अब अच्छा नहीं लगता कभी तो मोहब्बत की बात तू भी कर लिया कर नफ़रत की बात हर बार करना अब अच्छा नहीं लगता ऐसे ही आपस में लोगों को कबतक लड़ाते रहोगे एकता अखंडता की बात करना अब अच्छा नहीं लगता तू हमें हमेशा गद्दार समझता है ये तेरी भूल है आरिफ धर्म का चश्मा उतार अब अच्छा नहीं लगता इतना जुल्म पे जुल्म करना अब अच्छा नहीं लगता इंसान को इंसान से लड़ाना अब अच्छा नहीं लगता उसकी फितरत है लोगों को आपस में लड़ा रहा है हर बार हिन्दु मुस्लिम करना अब अच्छा नहीं लगता कभी तो मोहब्बत की बात तू भी कर लिया कर नफ़रत की बात हर बार करना अब अच्छा नहीं लगता