लिख कर देखो ख़त मे मेरा नाम, चाहे लिखना न चिट्ठी मेरे नाम, तुम भले मिटा देना मेरी यादो को, आ जाना मेरी यादों मे हर शाम। चाहे लिखना न चिट्ठी मेरे नाम। बनना तुम न मीरा न राधा मेरी, पर मुझको बनने दो तेरा श्याम। चाहे लिखना न चिट्ठी मेरे नाम। शहर मे मेरे सासें घुटती होगी, तेरी गलिया अब भी चारोधाम। चाहे लिखना न चिट्ठी मेरे नाम। किसी मोड़ पे मिलो अगर हमसे, थोड़ा देना मुसका बन अन्जान। चाहे लिखना न चिट्ठी मेरे नाम। #मेरा_नाम