कतरे कतरे से वाकिफ़ थे वो मेरे, फिर भी रूह से अनजान रहते थे..... एक लम्हें में रुख़सत हो गए वो, जो हमें अपनी जान कहते थे..... -Kanishkh Shekhar Vocab update: रुख़सत- to leave कतरा- about everything.....