वफाओं की बातें की जफ़ाओं के सामने ले चले हम चिराग़ हवाओं के सामने उठे हैं जब भी हाथ बदली हैं क़िस्मतें मजबूर है खुदा भी दुआओं के सामने ©अगबर #Sukha