White , इंतज़ार बहुत किया मैंने कि वो समझेगा बात मेरी मग़र विफल रही बात बयां करने में, मुझे लगा था वो मेरी ख़ामोशी सी मचल उठेगा, मग़र मैं भूल गई मेरी चुपी जो उसे अशांत कर देती तो वो आता लौट दावे तो किये थे कभी उसनें भी मोहब्बत के मग़र क्या याद हूँ उसे मैं "तम्माम सवालों से घिरी मैं बस अक़्सर ख़ुद से ही पूछा करती " और अंत में जवाब आता "नहीं वाकई में अब उसे मैं याद नहीं "। ©nikita kothari #Intzar