ऐसा नहीं है कि मैं एक लम्हे को भी तुम्हें भूल नहीं पाती.. सच कहूं तो ज़िंदगी की आपा-धापी में तुम्हें याद कर ही नहीं पाती.... अपनी जिम्मेदारियों में इस क़दर डूबी हूं कई दफ़ा तुम्हें सोच भी नहीं पाती.... अक्सर कई-कई दिनों तक तुम्हारे नाम का ज़िक्र तक कर नहीं पाती.... हाँ मग़र अब भी मेरे ज़हन में तुम्हारी यादों के कुछ निशां बाकि हैं,जिन्हे मैं चाह कर भी मिटा नहीं पाती.... सच से वाक़िफ़ तो हूॕ मैं,अब तुम से रूबरू होना मुमकिन नहीं मग़र ख़्वाबों में तुमसे मिलने से ख़ुद को रोक नहीं पाती.... ©Chanchal Chaturvedi #रोक_नहीं_पाती #Chanchal_mann #shayari #Quote #ghazal #Yaad #Memories #Women