अपना ही कोई अनुरूप प्रति छाया बन उभर आता है,,, जब तुमसे तुम जैसा एक जीवन उतर आता है,,, मासूम मुस्कान से तुम्हारे थकेहाल चेहरे को,,, मीठी रसभरी बौछारौ से भीगा जाता है,,,, तुम्हारे होने का प्रमाण प्रतिपल तुम्हें जतलाता है,,, आधी उम्र झेल चुके मानुष को फिर से नई उमंग और बचपन में पहुंचा जाता है,,,, बाल दिवस की शुभकामनाएं💐💜💜 बचपन को मासूमियत के साथ जीने दो आगे बढ़ने की होड़ किताबों का जोर उनके कंधों में मत डालो,,, प्राकृतिक तरीके से उन्हें उगने दो अपना ही कोई अनुरूप प्रति छाया बन