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मैं एक सूखी बंजर भूमि, वो बारिश की फुहार है। मैं

मैं एक सूखी बंजर भूमि, वो बारिश की फुहार है।

मैं भूख से मरता एक बालक, वो तृष्णा मिटाती अन्नदेवी है।

मैं एक धरती ना जिसमें कोई जीवन, वो प्राण फूकती सुर्यकिरण है।

मैं निशब्द, मैं अज्ञानी, वो अथाह समुंदर, एक ज्ञान का।

मैं प्राण हारता, बेदम भटकता, मरू में एक प्राणी,
वो प्यास बुझाती, फिर जीवन देती, जल की कुछ बूंदे है।

मैं एक दिशाहीन समुंदर लहर, वो आंचल में मुझे समाती मेरी ममतामई माँ है।

 #hindi #hindipoetry #maa #bliss
मैं एक सूखी बंजर भूमि, वो बारिश की फुहार है।

मैं भूख से मरता एक बालक, वो तृष्णा मिटाती अन्नदेवी है।

मैं एक धरती ना जिसमें कोई जीवन, वो प्राण फूकती सुर्यकिरण है।

मैं निशब्द, मैं अज्ञानी, वो अथाह समुंदर, एक ज्ञान का।

मैं प्राण हारता, बेदम भटकता, मरू में एक प्राणी,
वो प्यास बुझाती, फिर जीवन देती, जल की कुछ बूंदे है।

मैं एक दिशाहीन समुंदर लहर, वो आंचल में मुझे समाती मेरी ममतामई माँ है।

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poojaarora5198

Pooja Arora

New Creator