वादें यह सारे ही झूठें होते हैं ज़नाब जज्बातों में आकर जो हम अपनो से कर बैठते हैं! ढलती शाम की तरह यह भी ढल जाती है! बदल के नाम यह फिर वादें के धोख़ा केहलाते है ज़नाब ©R...Khan #वादें#यह#सारे#झूठें#होते#जनाब #apart