काश बचपन दोबारा आ जाता! बचपन में जो काग़ज़ की कश्ती बनाई थी, काश वो दोबारा बना पाते वो जो दोस्तों के साथ स्कूल में डाट खाई थी, काश वो डाट दोबारा सुन पाते वो बचपन में नुका छुप्पी के समय खुद के बचपने को जो छुपाया था, काश वो बचपना फिर वापस आ पाता वो राह चलते किसी को भी टोक के